संतकबीरनगर। ब्लॉक मुख्यालय सेमरियावां स्थित बस्ती मंडल की प्रसिद्ध बकरा मंडी में सोमवार के दिन सुबह ही से खरीदारों की बाजार में खूब भीड़ रही।पूरी बाजार बकरों और खरीदार से भरी रही।बाजार में चलना मुश्किल था।सुबह पांच बजे से लेकर दस ग्यारह बजे तक ग्राहकों ने मनपसंद के बकरों की खूब खरीदारी की।
देसी बकरों की रही अधिक डिमांड
सेमरियावां स्थित बकरा मंडी में प्रत्येक सोमवार को बाजार लगती है। एकदम सुबह शुरू होती है ।दस ग्यारह बजे तक खत्म हो जाती है।शादी विवाह, दावत जैसे अन्य समारोह में यहां साल भर बकरों की खरीद फरोख्त होती है।ये मार्केट देसी बकरों के लिए पूरे मंडल में मशहूर है।
बकरीद पर्व पर अधिक भीड़
ईदुल अजहा यानी बकरीद पर्व के मौके पर यहां भीड़ बहुत बढ़ जाती है।दूर दराज के व्यापारी यहां बकरा बेचने आते हैं।वहीं गांव देहात में पले बढ़े देसी बकरे भी बड़ी संख्या में बाजार में आते हैं।ग्राहकों की पहली पसंद देहात में पले बढ़े देसी बकरे होते हैं।
दूर दराज के व्यापारी ग्राहक है आते
इस बाजार में बस्ती ,सिद्धार्थनगर,फैजाबाद,गोरखपुर,बहराइच गोंडा ,बाराबंकी अंबेडकर नगर आदि जनपद के विभिन्न स्थानों के व्यापारी बड़ी संख्या में बकरे लेकर आते है।गांव देहात में बकरों का रोजगार कर जीवकोपार्जन करने वाले छोटे छोटे व्यापारी भी इस मौके पर छोटे बड़े सस्ते महंगे बकरे बेचने हेतु लाते हैं।
बाजार में खरीदारों की भी खूब भीड़ होती है।दूर दराज से बकरा खरीदारी हेतु आते हैं।इस मार्केट में सस्ते और मंहगे गरहकों के पसंद के बकरे मिल जाते हैं।
बकरों के दाम रहे मंहगे
सोमवार के दिन बकरों का भाव बहुत तेज रहा । ईद अल अजहा पर्व में एक सप्ताह और शेष रह गया है।बकरों की खरीदारी बहुत तेज हो गई है।
आठ ,दस हजार से लेकर तीस हजार रुपए तक बकरे बाजार में उपलब्ध रहे।ज्यादरतर ग्राहक आठ,नौ दस हजार से लेकर पंद्रह हजार रुपए तक के बकरों की खरीदारी।नुमाइशी बड़े मंहगे बकरे भी खूब बिके ।बीस हजार से लेकर तीस हजार रुपए तक के बकरों की बिक्री बड़ी संख्या में हुई। साठ हजार,पचास रुपए जोड़ी के बकरे भी खूब बिके।एक एक ग्राहक ने कई कई बकरे एक साथ खरीदे।
साल भर करते हैं खरीदारी
महसो बस्ती से आए व्यापारी शकील अहमद ने बताया की यहां की बाजार बहुत मशहूर है।यहां की मंडी में बकरे अच्छे मिलते है।देसी गांव के पाले हुए मिल जाते हैं।लेकिन अन्य मंडी से मंहगे मिलते है।
मटन शॉप हेतु खरीदारी करते हैं।यह मार्केट नजदीक है।आवश्यकतानुसार बकरे मिल जाते हैं।
मुंबई जैसी है यहां की मंडी
अब्दुल्लाह चौधरी ग्राहक ने बताया की यहां की बकरा मंडी में बकरों के दाम मुंबई से कम नही है।यहां मंहगे बकरे बिकते है।यहां बकरों की बहुत डिमांड है।पहली बार यहां बकरे की खरीदारी कर रहे हैं।देसी बकरे बाजार में खूब बिक रहे हैं।
यहां पचासों साल से लगती है मंडी
सोमवार के दिन बाजार में उमड़ी व्यापारी और खरीदारों के बारे में
मो मोकर्रम ,जफीर अली,वसीम अहमद, अनवार आलम आदि ने बताया की सेमरियावां बकरा मंडी बहुत पुरानी है।पचास साल से अधिक समय से यहां देसी बकरे की बाजार लगती है।साल भर यहां प्रत्येक सोमवार को बाजार लगती है।यहां दूर दराज के बकरा व्यापारी और खरीदार आते रहते हैं।शादी विवाह और बकरीद के अवसर पर इस बाजार की रौनक बढ़ जाती।
बकरी पालन बना जीवकोपार्जन का साधन
मो परवेज,नूर आलम सिद्दीकी ,अतहर करखी ने बताया की गांव देहात के लोगों का बकरी पालन जीवकोपार्जन का एक प्रमुख साधन है।साल भर बकरे को मेहनत से पालते हैं।बकरीद के अवसर अच्छे दर पर बेचते हैं।ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बकरी पालन में विशेष रुचि रखती है।इससे अच्छी आमदनी हो जाती है।
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