काबुल। कई दशकों से चल रहे तालिबान और अफगानिस्तान के संघर्ष पर आज पूर्ण विराम लग गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने न केवल पद छोड़ा, वरन उन्होंने देश भी छोड़ दिया है। खबरों के मुताबकि अफगान की राष्ट्रीय सुलह के लिए सर्वोच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति गनी अब तख्तापलट के बाद देश में नहीं रहेंगे। इसी बीच तालिबान ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता स्वीकार करने की बजाय दूसरे विकल्पों पर विचार करेगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति और तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बातचीत के दौरान पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई तथा राष्ट्रीय सुलह के पूर्व प्रमुख अब्दुल्ला समेत कई नेता उपस्थित थे। उनके सामने यह बात हुई कि तालिबान गनी से सत्ता नहीं लेगा। वहीं सत्ता जाने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल से ताजिकिस्तान के लिए रवाना हो गए। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अशरफ गनी अब ताजिकिस्तान में ही रहेंगे।
मीडिया की खबरों के मुताबिक तालिबानी नेता मुल्ला गनी बरादर देश में सत्ता की कमान संभालेंगे। इस बीच काबुल में अमेरिकी दूतावास के ऊपर धुएं उठते देखे गये। बताया गया है कि दूतावास के कर्मचारियों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाने से यह धुंआ उठा। ब्लैकहॉक और चिनूक हेलीकॉप्टरों को भी दूतावास के लिए उड़ान भरते और दूतावास और हवाई अड्डे के बीच चक्कर लगाते देखा गया।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकावल ने एक वीडियो संदेश में अंतरिम सरकार के गठन पर बातचीत की पुष्टि की है। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनके समूह का बलपूर्वक अथवा युद्ध के जरिए काबुल में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन इसके लिए वह बातचीत कर रहा है। उन्होंने नागरिकों को आश्वस्त किया है कि लोगों के जीवन, सम्मान और संपत्ति की रक्षा की जायेगी।
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