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क्या आप जानते हैं ? किन पांच अरकानों पर टिकी है इस्लाम की बुनियाद

इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बङा मज़हब है जो सबसे तेज़ी से फैल रहा है जिसके मानने वाले पूरी दुनिया में मौजूद हैं।

लेकिन इस्लाम को मानने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें हैं जिसे आज हम आपको बताने वाले हैं।


इस्लाम की बुनियादी शर्तें

इस्लाम की बुनियाद पांच अरकानों पर टिकी है।

1: तौहीद- कलमा पढ़ना

2: नमाज़ अदा करना

3: रोज़ा रखना

4: ज़कात अदा करना

5: हज करना

तौहीद का मतलब है, अल्लाह को एक मानना और उसकी जात में किसी दूसरे को शरीक न करना साथ ही अल्लाह के नबी स०अ०व० को आखिरी पैगम्बर मानना। 
आखिरी किताब कुरान-ए-पाक है।

वहीं हर मुसलमान मर्द और औरत पर पांच वक्त की नमाज फर्ज है।

इसके बाद रोजा फर्ज है, जिसे चांद के ऐतबार से रमजान महीने के 29 या 30 दिन रखने का हुक्म है।


ज़कात हर उस मुस्लिम पर फर्ज है, जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोले चांदी या फिर इनके बराबर रकम हो, उसे भी पूरा एक साल हो चुका हो तो हर आदमी पर जकात फर्ज हो जाती है।

मुसलमान पर जिंदगी में सिर्फ एक बार हज करना फर्ज है। हालांकि, शर्त यह है कि हज पर जाने वाले के पास इतना पैसा हो कि वह हज के दौरान रहन-सहन, आने-जाने का खर्च उठा सके।




इन‌ पांच अरकानों पर टिकी है इस्लाम की बुनियाद हालांकि इसके अलावा हर मुसलमान के लिए कुरान व हदीस के मुताबिक़ चलना ही सही इस्लाम है।

लेख: मोहम्मद नसीम

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