डीएम महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश पर उर्वरक के भौतिक सत्यापन के लिए टीम गठित की गई। टीम में जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा, एआर कोआपरेटिव हरि प्रसाद और नायब तहसीलदार ने 23 सितंबर को पीसीएफ गोदाम कोनी में भंडारित उर्वरक का भौतिक सत्यापन किया। सत्यापन के संदर्भ में जिला कृषि अधिकारी ने जिला प्रबंधक पीसीएफ को भी पत्र के जरिए अवगत करा दिया था। जांच के दौरान पीसीएफ के भंडार नायक राम सजीवन भी मौजूद रहे।
भौतिक सत्यापन की कार्रवाई में आईएफएमएस के अनुसार, पीसीएफ बफर गोदाम में 1911.915 मीट्रिक टन यूरिया होनी चाहिए थी। जबकि मौके पर 1087.984 मीट्रिक टन यूरिया ही पाई गई। इस प्रकार स्टाॅक में 823.916 मैट्रिक टन यूरिया कम मिली। इसकी जानकारी पीसीएफ के प्रबंधक को भी दे दी गई है। जांच में बिना प्वाइंट ऑफ सेल मशीन के उर्वरक की बिक्री होनी पाई गई। जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि जाहिर है कि किसानों को उर्वरक खरीद की रसीद भी नहीं दी गई है। इससे स्पष्ट है कि अनुदानित यूरिया काे किसानों में वितरित न कर उसकी कालाबाजारी की गई है। जांच में भंडार नायक पर उर्वरक की कालाबाजारी करने का आरोप साबित होने के चलते जिला कृषि अधिकारी ने भंडार नायक राम सजीवन के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दे दी है।
भौतिक सत्यापन की कार्रवाई में आईएफएमएस के अनुसार, पीसीएफ बफर गोदाम में 1911.915 मीट्रिक टन यूरिया होनी चाहिए थी। जबकि मौके पर 1087.984 मीट्रिक टन यूरिया ही पाई गई। इस प्रकार स्टाॅक में 823.916 मैट्रिक टन यूरिया कम मिली। इसकी जानकारी पीसीएफ के प्रबंधक को भी दे दी गई है। जांच में बिना प्वाइंट ऑफ सेल मशीन के उर्वरक की बिक्री होनी पाई गई। जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि जाहिर है कि किसानों को उर्वरक खरीद की रसीद भी नहीं दी गई है। इससे स्पष्ट है कि अनुदानित यूरिया काे किसानों में वितरित न कर उसकी कालाबाजारी की गई है। जांच में भंडार नायक पर उर्वरक की कालाबाजारी करने का आरोप साबित होने के चलते जिला कृषि अधिकारी ने भंडार नायक राम सजीवन के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दे दी है।
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