कांवड़ यात्रा के नए मार्ग के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश में 1.12 लाख से ज्यादा पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है।
यह जानकारी यूपी सरकार के पर्यावरण विभाग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को दी है।
ये पेड़ गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन विभागों के संरक्षित जंगलों में काटे जा रहे हैं। प्रस्तावित मार्ग गाजियाबाद के मुरादनगर से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी तक जाएगा।
उत्तर प्रदेश के पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव ने 19 नवंबर को दाखिल जवाब में कहा है, “(केंद्रीय) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 28 फरवरी, 2023 को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को कांवड़ मार्ग परियोजना के लिए 1,12,722 पेड़/पौधे काटने की अनुमति दी थी।”
जवाब में कहा गया है कि फिलहाल 25,410 पेड़ों को काटने के लिए चिह्नित किया गया है, जिनमें से 17,607 पेड़ों को उत्तर प्रदेश वन निगम की देखरेख में लोक निर्माण विभाग काटेगा।
एनजीटी की वेबसाइट पर शुक्रवार को अपलोड किए गए जवाब में कहा गया है, “फिलहाल पीडब्ल्यूडी ने नौ अगस्त, 2024 से पेड़ काटने का काम रोक दिया है और प्रस्तावित मार्ग के कुछ हिस्सों में पेड़ों की कटाई शुरू नहीं हुई है।”
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