कोरोना रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉ. ए.के सिन्हा ने बताया कि टीकाकरण में ओपन वायल पॉलिसी लागू नहीं होगी जो टीका खुल जाएगा उसे फिर रखा नहीं जाएगा।
वहीं सभी कर्मचारियों के पास एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (एईएफआई) भी होगी ताकि प्रतिकूल परिस्थिति में निपटा जा सके। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एसरहमान ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह टीकाकरण जिला अस्पताल और सीएचसी-पीएचसी पर ही होगा।
इस दौरान कुल तीन कमरे बनेंगे, एक वेटिंग रुम होगा, एक वैक्सीनेशन तथा एक रेस्ट रुम होगा जिसमें टीका लगने के बाद 30 मिनट तक आराम करना होगा। जिला वैक्सीन एवं कोल्ड चेन प्रबंधक सुशील कुमार मौर्या ने बताया कि ज्यादातर टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाना है। भारत में बाकी लगने वाले टीके भी इसी तापमान पर सुरक्षित रखे जाते हैं। प्रशिक्षण देने वालों में यूनिसेफ के प्रतिनिधि बेलाल अनवर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. संदीप पाटिल ,सभी ब्लॉक क्षेत्रों के बीपीएम, अधीक्षक, बीसीपीएम, सीडीपीओ, डाटा इंट्री ऑपरेटर आदि लोग शामिल रहे।
इस दौरान कुल तीन कमरे बनेंगे, एक वेटिंग रुम होगा, एक वैक्सीनेशन तथा एक रेस्ट रुम होगा जिसमें टीका लगने के बाद 30 मिनट तक आराम करना होगा। जिला वैक्सीन एवं कोल्ड चेन प्रबंधक सुशील कुमार मौर्या ने बताया कि ज्यादातर टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाना है। भारत में बाकी लगने वाले टीके भी इसी तापमान पर सुरक्षित रखे जाते हैं। प्रशिक्षण देने वालों में यूनिसेफ के प्रतिनिधि बेलाल अनवर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. संदीप पाटिल ,सभी ब्लॉक क्षेत्रों के बीपीएम, अधीक्षक, बीसीपीएम, सीडीपीओ, डाटा इंट्री ऑपरेटर आदि लोग शामिल रहे।
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