उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले मेराज शूटिंग में आने से पहले क्रिकेट में भी हाथ आजमा चुके हैं. मेराज ने खुर्जा के केपी मांटेसरी स्कूल से 5वीं तक की पढ़ाई की. फिर बुलंदशहर स्थित एक कान्वेंट स्कूल से 8वीं करने के बाद उन्होंने खुर्जा से ही 10 प्लस टू (यूपी बोर्ड) किया, जिसके बाद वह जामिया चले गए. मेराज के पिता दिल्ली प्रगति मैदान में होटल का बिजनेस करते थे।
मेराज को था क्रिकेट का शौक
मेराज को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था और वह जामिया की क्रिकेट टीम में शामिल हो गए. लेकिन उनके चाचा ने मेराज के आई कॉन्टैक्ट और एल्बो एंगल को देखते हुए उन्हें शूटिंग में आने के लिए प्रेरित किया और यहीं से मेराज शूटिंग की ओर खिंचते चले गए. मेराज का जुनून निशानेबाजी में बदल गया और मेडल जीतना उनका टारगेट बना।
रियो और टोकियो ओलंपिक में लिया भाग
पिछले दो दशकों में मेराज ने वर्ल्ड कप शूटिंग से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में पदक जीते हैं. सितंबर 2015 में स्कीट शूटिंग में क्वालिफाई कर रियो ओलंपिक में स्थान पक्का करने वाले पहले भारतीय बने थे, जिसमें मात्र एक अंक से फाइनल में पहुंचने से चूक गए थे. उन्होंने नवंबर 2019 में दोहा में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में अंगद बाजवा को 1-2 से हराते हुए टोकियो ओलंपिक में अपना स्थान पक्का किया।
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