संतकबीरनगर। यह दृश्य संत कबीर नगर खलिलाबाद के अंतर्गत ग्राम धर्मपुरा मे देखने को मिला जो कि यह स्थान एक अयोध्या नगरी बनारस के बीच जिला संत कबीर नगर खलिलाबाद के अंतर्गत ग्राम धर्मपुरा पडता है । कहते है जैसे नाम वैसे काम यहां वह स्पष्ट दिख रहा है।
हम सभी जनता जनार्दन,भक्तजनो को बताना चाहेंगे कि यहां पर हमेशा पुरे गांव में रामायण, भागवत, कथा पुराण, भजन संध्या कीर्तन इत्यादि चलता रहता है।उसी ग्राम में बच्चों का कृष्ण जन्माष्टमी पर मनमोहक दृश्य देखने को मिला जो आप लोगों के समक्ष राधा कृष्ण बलदाऊ भैया मौजूद हैं।यह मनमोहक दृश्य राधा कृष्ण के जुबान से अनेकों भजन गाना के रूप में जुबान से निकलते नजर आया जो कि इस प्रकार है।
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल कृष्णा जी चललन दहिया बेचे ग्वाला बनके लेलो जी राधा रानी दहिया है खट्टा मिठा अब न आयेगे दहिया बेचे ग्वाला बनके ।
कृष्णा जी चले है चुन्दरी बेचे बजाजा बनके । ले लो जी राधा रानी चुन्दरी है लाल पिला अब न आयेगें चुन्दरी बेचे बजाजा बनके | कृष्णा जी चललन चुड़िया बेचे चुड़िहारा बनके । लेलो जी राधा रानी चुड़िया है लाल पीला
अब न आयेगें चुड़िया बेचे चुड़िहारा बनके । कृष्णा श्री चललन टिकवा बेचे सोनरवा बनकें । ले लो जी राधा रानी टिकवा है नया फैशन का
अब न आयेगें टिका बेचे सोनरवा बनके । कृष्णा जी चललन सेन्दुर बेचे सिन्दूरीया बनके ले लो जी राधा रानी सेन्दुरा है लाल पिला
अब न आयेगें सेन्दुरा बेचे सिन्दुरिया बनके । रूप बड़ा प्यारा है,
चेहरा बड़ा निराला है,
बड़ी से बड़ी मुसीबत को,
कन्हैया जी ने, पल में हल कर डाला है। राधा के दिल में कृष्ण, राधा के साँसों में कृष्ण,चाहे कितना भी रास रचे कृष्ण, लोग तो बस यही कहेंगे राधे कृष्ण राधे कृष्ण , हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती, हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का,वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।
रिपोर्ट: अतहरुल बारी
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