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Sant Kabir Nagar: सरकारी अस्पतालों में धीरे-धीरे दम तोड़ रहा इलाज, डॉ॰ ना होने से मरीज़ बेहाल

सरकार का बेहतर इलाज का दावा सरकारी अस्पतालों में दम तोड़ रहा है। अस्पतालों में हॉर्ट, न्यूरो, सांस आदि के चिकित्सक न होने से मरीजों को गैर जनपद गोरखपुर व लखनऊ इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। इससे उनका अधिक पैसा भी खर्च हो रहा है और समय भी बर्बाद हो रहा है। जिला अस्पताल में आईसीयू है, लेकिन इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, यहीं नही जिले के प्राइवेट अस्पतालों में भी इन रोगों के चिकित्सक नहीं हैं।
जिले में एक संयुक्त जिला अस्पताल व छह सीएचसी हैं। 

वहीं एक सीएचसी निर्माणाधीन है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 1200 से 1300 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। ओपीडी में हड्डी, फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ के चिकित्सक तो हैं, पर गंभीर बीमारी के चिकित्सक तैनात नहीं हैं। जिसमें हॉर्ट रोग विशेषज्ञ, न्यूरो विशेषज्ञ, गुर्दा आदि के चिकित्सक की तैनाती नहीं है। जिला अस्पताल में 33 पदों के सापेक्ष 22 चिकित्सक तैनात हैं।

ओपीडी में इलाज कराने आए श्याम देव, जय प्रकाश ने बताया कि सीने में दर्द की समस्या है, दिखाने आए थे। पता चला कि इस रोग के चिकित्सक नहीं हैं। फिजीशियन से इलाज कराया है। अगर समस्या सही नहीं होगी तो गोरखपुर जाना पड़ेगा। इसी तरह से किडनी की बीमारी से ग्रसित एक मरीज ने बताया कि उसका इलाज गोरखपुर के चिकित्सक कर रहे हैं, लेकिन वह यहां पर ही डायलिसिस कराते हैं। इसके लिए उन्हें गोरखपुर नहीं जाना पड़ता है। अगर हॉर्ट के चिकित्सक तैनात हो जाए तो वह यहीं पर चिकित्सक को दिखाना शुरू कर देंगे।


मरीजों को मेडिकल कॉलेज किया जा रहा रेफर
जिला अस्पताल की ओपीडी में हॉर्ट, गुर्दा, न्यूरो आदि बीमारी के प्रतिदिन करीब 200 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी में भी मरीज पहुंचते हैं। जिनका प्रारंभिक इलाज कर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। एक से छह अगस्त तक हॉर्ट व न्यूरों के 30 मरीज मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किए जा चुके हैं। अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सकों के कई कमरे खाली पड़े हुए हैं। जिनकी तैनाती नहीं हो पाई है।
दो माह से हो रहा डायलिसिस केंद्र का संचालन
जिला अस्पताल परिसर में इमरजेंसी के सामने डायलिसिस केंद्र का संचालन दो माह से शुरू है।



यहां प्रतिदिन 10 से 12 मरीजों की डायलिसिस होती है। मरीजों को चिकित्सक की लिखी पर्ची पर डायलिसिस केंद्र में भर्ती कर डायलिसिस किया जाता है। यह केंद्र किडनी के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। चिकित्सक न होने से मरीजों को गोरखपुर और लखनऊ इलाज के लिए जाना पड़ता है।

सीएम‌ओ ने क्या कहा?

जिले में हॉर्ट, न्यूरो व गुर्दा रोग जैसी बीमारी के चिकित्सक नहीं है, इसके लिए महानिदेशालय को पत्र भेजा गया है, जैसे ही चिकित्सक आते हैं तो उनकी तैनाती कर दी जाएगी। जिससे मरीजों को अन्य जनपदों में इलाज के लिए न जाना पड़े।

डॉ अनिरुद्ध सिंह, सीएमओ

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