संत कबीर नगर: समाजसेवी राजू रंजन यादव ने पूर्व सांसद स्वर्गीय भालचंद्र यादव की प्रतिमा विकास भवन परिसर में लगाने की मांग की है।
राजू रंजन यादव ने 'यूपी टाइम्स न्यूज' से बातचीत में स्वर्ण भालचंद्र यादव के व उनके विकास कार्यो के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी मुहैया करायी।
आखिर कौन थे पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री भालचंद्र यादव?
"पैसे क्या होगा गरीब किसान का बेटा हूँ मरूँगा तो तिरंगे में लपेट के जाऊंगा।"
जब तक जिंदा रहे दूसरों के लिए लड़े। सांसद रहते अपने कोटे का हर सुविधा का लाभ लिए वह भी अपने एवं अपने परिवार के लिये नही। आज भी संत कबीर नगर में 8-8 पेट्रोल पंप इनके ही कोटे से पास है, पर घर में अपने बच्चों के लिये कुछ नही किये। किसी को महिला इंटर कॉलेज दिलवाए तो किसी को नौकरी, किसी को जिले का ठेका, कोई होगा आज ऐसा जनप्रतिनिधि जो अपने बच्चों एवं परिवार के लिये कुछ नही किया होगा?
पैसे को कभी अहमियत ही नही दिए, पूरे दिन जबतक दोनों हाथों से पैसे बाँट नही देते थे तबतक इनको नींद नही आती थी।
ऐसे ही एक वाक्या है बालुसाशन के ए. के राय साहब उर्फ प्रधान जी, एमपी साहब के करीबियों में एक रहे, एक बार एमपी साहब के पास डेरी पर बैठे थे तो एमपी साहब कहे कि राय साहब आज क्यों इतना उदास बैठे हैं?
राय साहब कहें कुछ नाही एमपी साहब बस ऐसे ही कोई बात नही। एमपी साहब कहे कि घर जाएं और फिर अपने ड्राइवर को भेज दीजियेगा। ड्राइवर गया तो एमपी साहब 2 लाख रुपये दिए और ड्राइवर से कहे कि यह राय साहब को जाकर दे देना किसी को बताना नही, ऐसे बहुत से उदाहरण और योगदान सहयोग रहे जो आज शायद ही कोई कर सकता है। यहां लोग सरकारी कंबल बांटकर 50-50 फ़ोटो शेयर करने में संकोच नही करते।
अब क्या लिखे और कुछ बोले, उनके योगदान और सहयोग हर कोई जानता है। एमपी साहब को मिटाने वाले भी हमारे ही समाज के लोगों का ही बड़ा योगदान रहा है।
एमपी साहब कभी किसी गरीब को या अमीर को एक थप्पड़ नही मारे, जनहित के लिये प्रशासन एवं अधिकारियों का जीना बेहाल कर दिए थे, अब राजनीति शालीनता से नही गुंडई से ही हो पायेगा चाहे किसी अधिकारी को जूता मारकर जेल ही क्यों ना जाना पड़े। जबतक परिवार में कोई कुछ हो नही जाता तबतक साथ थे और रहेंगे।
बस यही कहना है कि शेरे पूर्वांचल स्वर्गीय श्री भालचंद्र यादव का हम सब मूर्ति बनवा रहे हैं, सभी शुभचिंतकों एवं सहयोगियों से अनुरोध है कि तैयार रहे किसी भी दिन हम सब मूर्ति लेकर जिला मुख्यालय पर लगाने के लिये भारीभरकम भीड़ के साथ बैठ जाना है।
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