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Azamgarh में चल रहे किसान-मजदूर आंदोलन ने भारतीय महिला पहलवानों के धरने को समर्थन का किया ऐलान

आजमगढ़ से लेकर जंतर मंतर तक लड़ेंगे

किसान-पहलवान मान, सम्मान, स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करेंगे

संघर्ष की कमान माताओं-बहनों ने थाम ली है तो भाई-बेटे पीछे नहीं हटेंगे

अंडिका बाग में 54 वें दिन भी धरना जारी रहा. अंडिका बाग की आंदोलनरत महिलाओं ने जंतर मंतर पर चल रहे भारतीय महिला पहलवानों के धरने के समर्थन में नारे लगाते हुए इंसाफ की मांग की.

पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव और किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि मई की तपती धूप में जंतर मंतर पर जहां महिला पहलवान धरने पर बैठी हैं वहीं सैकड़ों किलोमीटर दूर आजमगढ़ में अंडिका बाग में 56 वें दिन और खिरिया बाग में 206 वें दिन से महिलाएं धरने पर बैठी हैं. आज संघर्ष की कमान हमारी माताओं-बहनों ने थाम ली है तो हम उनके भाई-बेटे पीछे नहीं हटेंगे. ये तानाशाही है कि न्याय के लिए दर्जनों-सकड़ों दिन धरने पर बैठना पड़ रहा है. हर जोर-जुल्म के खिलाफ लड़ेंगे, जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता हम धरने पर बैठेंगे. सरकार को लगता है कि महिला पहलवानों से लेकर खिरिया बाग, अंडिका बाग की माताओं-बहनों को थका देगी तो यह भ्रम छोड़ दे. क्योंकि देश में ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने संघर्ष की जो इबारत लिखी है, जीत तय है. महिला पहलवानों के समर्थन में आजमगढ़ से लेकर जंतर मंतर तक लड़ा जाएगा.

यह हमारे मान, सम्मान, गौरव का सवाल है, इसमें कोई समझौता नहीं होगा. हमने देश को समझौते से नहीं संघर्ष से आजाद कराया है. हमारा देश खेतों, खलिहानों, पहलवानों का देश है. किसानों-पहलवानों ने बदन पर लगी मिट्टी की शपथ ली है कि इस धरती का सौदा नहीं होने देंगे.

धरने में कौशल्या, चमेला, राम आसरे पाल, जगत, जय प्रकाश, मेवाती चाची, तारा, गीता, कमला, राधिका, निंहका, मालती मौजूद थीं.

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