लखनऊ: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज में निकाह में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने महंगी शादियों से परहेज और दहेज प्रथा का बहिष्कार करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संकल्प पत्र जारी किया. 11 बिंदुओं वाले संकल्पपत्र में मैरिज हॉल के बजाय मस्जिदों में सादगी से निकाह करने की अपील की गई है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इकरारनामे में सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घरवालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने का संकल्प लेने को कहा गया है. निकाह में गलत रस्मों को खत्म करने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश में 10 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू किया है. यह जागरूकता अभियान छह अप्रैल तक चलेगा. बोर्ड के अध्यक्ष सय्यद राबे हसनी नदवी व महासचिव मौलाना वली रहमानी के दिशा निर्देश में देश भर में इन 11 बिंदुओं के इकरारनामे को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
दहेज मांगने वालों की निंदा और सामाजिक विरोध का आह्वान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड निकाह में गलत रस्मों को खत्म करने के और खर्चीली शादियों को रोकने के लिए देशव्यापी अभियान के तहत सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है. अभियान में लोगों को समझाया जा रहा है कि निकाह को मुश्किल न बनाए, शादियों में गैर जरूरी रस्म ओ रिवाज से परहेज करें. दहेज की मांग करने वालों की निंदा करते हुए उनका विरोध भी किया जाए. और ऐसे लोगों को समझाया जाए।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी इस्लाहे मआशरा कमेटी को निकाह का इकरारनामा तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी. यह कमेटी पहले से ही महंगी शादियों, दहेज, जुआ, शराब जैसी बुराइयों से मुस्लिम समाज को दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है।
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