Header Ads Widget

Breaking News

10/recent/ticker-posts

भारत छोङो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान

भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान।

पेशावर में जन्मे मीर ताज मोहम्मद खान 16 साल की उम्र में विभाजन से पहले पेशावर छोड़कर दिल्ली आ गए थे और खान अब्दुल गफ्फार खान के आंदोलन से जुड़कर जंगे आज़ादी में भाग लिया।


मीर ताज मोहम्मद खान अपने जमाने के जाने-माने वकील थे। रियासत में दिलचस्पी ने उन्हें स्वाधीनता संग्राम से जोड़ दिया। वे दो बार जेल भी गए। मिजाज के मीर ताज सचमुच मीर थे। यार-दोस्तों के साथ एक बार उन्होंने कंचनजंगा पर्वत की चढ़ाई की।  कद-काठी ताज मोहम्मद खान की ऐसी थी कि आसिफ की फिल्म मुगले-आजम में उन्हें मानसिंह की भूमिका का प्रस्ताव मिला था। ताज मोहम्मद खान ने तड़ाक से ना कर दी। मीर ताज मोहम्मद खान के अनुसार सिनेमा यानी नौटंकी। ताज मोहम्मद खान को क्या खबर थी कि उनके साहबजादे एक दिन इसी नौटंकी से जमाने की नाक में नकेल डाल देंगे।


मीर ताज मोहम्मद खान बहुत ही शिक्षित व्यक्ति थे। ताज मोहम्मद खान एम.ए व एल.एल.बी के साथ हिन्दी, कश्मीरी, पश्तो, अंग्रेजी, इतालवी, उर्दू, पंजाबी, फारसी तमाम भाषाएँ फर्राटे से बोलते थे। शाहरुख ने बहुभाषा ज्ञान तो नहीं, पर वकालत पिता से उधार ली है। वकालत पढ़े ताज मोहम्मद खान  ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया। दिल्ली में कुछ बच्चों को आग से बचाने के लिए उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक मैडल भी मिला था। यह तमगा वे अक्सर बाल शाहरुख को दिखाया करते थे।


ताज मोहम्मद खान ने कभी अपने नवाबजादे को बंदिशों में नहीं बाँधा, जिसका जिक्र शाहरुख खान भी कई कार्यकर्मों में कर चुकें हैं। ताज मोहम्मद खान  बला के भुलक्कड़ इंसान थे। शाहरुख को याद है कई बार उन्होंने अपने वालिद को टॉयलेट-सीट पर बैठकर उबले अंडे खाते देखा था। ताज मोहम्मद खान यह भी भूल जाते थे कि यह उनका सिंहासन नहीं है। एक बार तो ताज मोहम्मद खान  बगैर पतलून पहने दफ़्तर जाने लगे, तो बेगम साहिबा ने याद दिलाया। शाहरुख के पिता एक खानदानी रईस परिवार से आए थे। मगर दिल्ली में संघर्ष करना पड़ा।


वकालत में रुचि नहीं ली, व्यवसाय चलता नहीं। अपनी बेटी शहनाज (शाहरुख की बहन) को उन्होंने शहजादी की तरह पाला। शहनाज उम्र में शाहरुख से पाँच साल बड़ी हैं। मीर ताज मोहम्मद खान की कैंसर से हुई मृत्यु ने शाहरुख को बुरी तरह तोड़ दिया। 19 सितंबर 1981 को  मीर ताज मोहम्मद ने आखिरी साँस ली।


इसके पहले कई रात जागकर शाहरुख और शहनाज ने पिता को लम्हा-लम्हा मौत के आगोश में जाते देखा था। पिता की मृत्यु के साथ 14-15 साल की उम्र में शाहरुख ने अपना सबसे अच्छा दोस्त  और सरपरस्त खो‍ दिया।




Post a Comment

0 Comments