स्विट्जरलैंड के बैंकों (Swiss Bank) में भारतीयों कंपनियों और लोगों का धन 2021 के दौरान 50 प्रतिशत बढ़कर 14 साल के उच्चस्तर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक या 30,500 करोड़ रुपए से अधिक पर पहुंच गया है. इसमें भारत में स्विट्जरलैंड के बैंकों की शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों में जमा धन भी शामिल है. स्विट्जरलैंड के केन्द्रीय बैंक (SNB) की तरफ से जारी वार्षिक आंकड़ों के अनुसार, सिक्योरिटीज समेत इससे जुड़े साधनों के जरिये हिस्सेदारी और ग्राहकों की जमा बढ़ने से स्विस बैंकों में भारतीयों का धन बढ़ा है.
इससे पहले वर्ष 2020 के अंत तक स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय का धन 20,700 करोड़ रुपए (2.55 अरब स्विस फ्रैंक) था. इसके अलावा, भारतीय ग्राहकों के बचत या जमा खातों में जमा राशि दो साल की गिरावट की बाद 2021 में लगभग 4,800 करोड़ रुपये के सात साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
आंकड़ों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के बैंकों पर 2021 के अंत तक भारतीय ग्राहकों की कुल देनदारी 383.19 करोड़ स्विस फ्रैंक है. इसमें से 60.20 करोड़ स्विस फ्रैंक ग्राहकों की जमा राशि के रूप में हैं, जबकि 122.5 करोड़ स्विस फ्रैंक अन्य बैंकों के जरिये रखे गए हैं और 30 लाख स्विस फ्रैंक न्यासों आदि के जरिये है.
स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के पैसे को ब्लैक मनी नहीं मानती स्विस सरकार
ये आंकड़े स्विट्जरलैंड की बैंकों की तरफ से एसएनबी को दिए गए है. ये स्विस बैंकों में कथित रूप से भारतीयों के काले धन को नहीं दर्शाते हैं. इन आंकड़ों में वह धन भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, प्रवासी भारतीयों या अन्य लोगों के पास स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश की इकाइयों के नाम पर हो सकता है. स्विस सरकार हालांकि स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीयों के धन को काला धन (Black Money) नहीं मानती है. स्विट्जरलैंड का कहना है कि उसने कर चोरी के खिलाफ लड़ाई में हमेशा सक्रिय रूप से भारत का समर्थन किया है.
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