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भारत द्वारा भेजे गये 56877 टन गेंहू तुर्की ने वापस लौटाया, ये बताई वजह

तुर्की (Turkey) ने फाइटोसैनिटरी चिंताओं का हवाला देते हुए भारत की तरफ से भेजे गए गेहूं की खेप को लेने से इनकार कर दिया है। तुर्की के अधिकारियों ने गेंहू में फाइटोसैनिटरी की शिकायत करते हुए इस खेप को लेने से इनकार कर दिया।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, तुर्की के इस फैसले के बाद 29 मई को जो जहाज यह खेप लेकर तुर्की पहुंचा था, उसे वापस लौटना पड़ा। फाइटोसैनिटरी यानी पेड़-पौधों से जुड़ी बीमारी होती है। S&P ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के हवाले से यह जानकारी दी गई है। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के एक अपडेट के अनुसार, एमवी इंस एकडेनिज (MV Ince Akdeniz) जहाज में 56,877 टन गेंह लोड करके भेजा गया था, जोकि अब वापस आ रहा है।


जहाज तुर्की के इस्केंडरुन पोर्ट से भारत के लिए वापस निकल चुका है और इसके जून के मध्य तक गुजरात के कांडला पोर्ट पर पहुंचने की उम्मीद है। गेंहू की इस बड़ी खेप के वापस आने से भारत के व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। दिल्ली से शराब लेकर UP जाने वालों को हो सकती है 5 साल की जेल, बार्डर पर पुलिस ने बढ़ाई चेकिंग एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने इस्तांबुल स्थित व्यापारियों के हवाले से कहा, 'कृषि मंत्रालय को भारतीय गेहूं की खेप में रूबेला बिमारी (Rubella Disease) का पता चला है, जिस कारण इसे रिजेक्ट किया गया है।' भारत सरकार ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया भारत के वाणिज्य और कृषि मंत्रालय ने गेहूं की खेप को रिजेक्ट करने से जुड़े सवालों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। तुर्की का यह कदम ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की सप्लाई दुनियाभर में प्रभावित हुई है।


भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले इन शिपमेंट को अंतिम रूप दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस गेहूं की खेप को एक प्राइवेट कंपनी की ओर से भेजा गया था। अप्रैल में महंगाई दर बढ़ने के बाद भारत ने गेंहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि प्रतिबंध से पहले जो कंसाइनमेंट रवाना हो चुके हैं उसपर यह बैन लागू नहीं होगा।

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