पत्र में कहा गया है, भारतीय ध्वज संहिता, 2002 (Flag Code 2022) को 20 जुलाई 2022 के एक आदेश के जरिए संशोधित किया गया है और अब भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (II) को इस तरह पढ़ा जाएगा : जहां ध्वज खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।
पहले सूर्योदय से सूर्यास्त तक थी अनुमति
इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। इसी तरह ध्वज संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशमी खादी से बना होगा। इससे पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर सेबने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
पहले सूर्योदय से सूर्यास्त तक थी अनुमति
इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। इसी तरह ध्वज संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशमी खादी से बना होगा। इससे पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर सेबने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव
'आजादी का अमृत मोहत्सव' एक प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। 13 अगस्त से 15 अगस्त तक नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 'हर घर तिरंगा' अभियान शुरु किया गया है।
0 Comments