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Mulayam Singh Yadav ने जब शहीदों के लिए लिया ऐतिहासिक फैसला, अब भी है कायम

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की‌ जयंती पर पढ़िए उनका ऐतिहासिक फैसला जिसने पलट दी हमारे जवानों की दशा।

मुलायम सिंह यादव 50 के दशक से राजनीति में सक्रिय थे।

वो तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री बने।

वहीं, 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री भी रहे।

रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शहीद सैनिकों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था।

जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह यादव पहले शिक्षक हुआ करते थे, बाद में समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में आए।

1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव जीता और सबसे कम उम्र में विधायक बनकर राजनीतिक करियर शुरू किया।

मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं।

वो देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं। मुलायम 1 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक रक्षा मंत्री रहे हैं।

ये वो दौर था जब देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था।

रक्षा मंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया था।

आज अगर किसी शहीद सैनिक का शव सम्मान के साथ उनके घर पहुंच रहा है, तो इसका श्रेय मुलायम सिंह यादव को ही जाता है.

आजादी के बाद से कई सालों तक अगर सीमा पर कोई जवान शहीद होता था, तो उनका शव घर पर नहीं पहुंचाया जाता था।
 
उस समय तक शहीद जवानों की टोपी उनके घर पहुंचाई जाती थी।

लेकिन जब मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री बने, तब उन्होंने कानून बनाया कि अब से कोई भी सैनिक अगर शहीद होता है तो उसका शव सम्मान के साथ घर तक पहुंचाया जाएगा।

मुलायम सिंह यादव ने फैसला लिया था कि शहीद जवान का शव पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाया जाएगा।
 

डीएम और एसपी शहीद जवान के घर जाएंगे। मुलायम के रक्षा मंत्री रहते ही भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान की डील की थी।

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को यूपी के इटावा जिले में हुआ था. वो राममनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रभावित थे. 1950 के दशक में उन्होंने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह उन्हें 'लिटिल नेपोलियन' कहकर बुलाते थे.

1967 में वो पहली बार विधायक बने।

1975 में इमरजेंसी के दौर में वो जेल भी गए।

अक्टूबर 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी बनाई। मुलायम सिंह यादव का ये बड़ा कदम था, जो उनके राजनीतिक जीवन के लिए मददगार साबित हुआ।

मुलायम सिंह यादव 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री रहे हालांकि, कहा जाता है कि वो गृह मंत्रालय चाहते थे।

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